तो क्या ये हुड्डा गुट की तंवर गुट पर जीत है!

गुरुग्राम: हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाजी कभी किसी से नहीं छुपी रही। बुधवार को प्रदेश इकाई में जो फेरबदल हुए हैं, उसे भी राज्य में कांग्रेस के एक गुट की दूसरे गुट पर जीत, यानि कि हुड्डा गुट की तंवर गुट पर जीत की तरह देखा जा रहा है। अशोक तंवर की हरियाणा कांग्रेस से छुट्टी के बाद राजनीतिक गलियारों में भिन्न-भिन्न सुर सुनाई पड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी का ये बड़ा फैसला है, जब उन्होंने राज्य में पार्टी की कमान कुमारी सैलजा काे सौंप दी, जो कि हरियाणा कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष भी बन गई हैं। साथ ही पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता और चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है। अभी तक अशोक तंवर प्रदेशाध्यक्ष व किरण चौधरी विधायक दल की नेता थीं।
हालाँकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा भी कि ‘पार्टी में अब गुटबाजी खत्म हाे चुकी है, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है, इस बात का ज्यादा वर्णन हम यहां नहीं करेंगे।
हुड्डा लंबे समय से सीएम उम्मीदवार या प्रदेशाध्यक्ष का पद चाह रहे थे। इसे लेकर उन्होंने 18 अगस्त को रैली कर पार्टी पर दबाव भी बनाया था। चार दिन पहले हुड्डा ने कमेटी की मीटिंग तय कर दोबारा दबाव बनाया और नतीजे अब सबके सामने हैं। हुड्डा आलाकमान से अपनी बात मनवाने में सफल रहे और कांग्रेस इकाई में हुए इस फेरबदल को अब तंवर गुट पर हुड्डा गुट की जीत के तौर पर देखा जा रहा है।